lundi 5 septembre 2011

मेरी शादी की कहानी

लेखिका : साधना मेहरा

सभी अन्तर्वासना पढ़ने वालों को बहुत बहुत सतिकार, प्यार ! भगवान् करे सब के लौड़े मस्त रहें ,खड़े रहें अपनी-अपनी बीवियों को खुश करते रहें !

मेरा नाम है साधना, उम्र पच्चीस साल, अमृतसर, पंजाब की रहने वाली हूँ, पांच फ़ुट पांच इंच कद, तीखे से नयन नक्श, गुंधा हुआ जिस्म, कहर ढहाने वाली छाती जो मेरी ख़ूबसूरती में सबसे ज्यादा हाथ रखती हैं। जवानी से लेकर स्कूल, कॉलेज में मैं अपनी छातियों के लिए मानी जाती थी। हर लड़की मुझे कॉम्प्लीमेंट करती कि काश मेरी छाती साधना जैसी गोल होती तो मैं लड़कों की जान निकाल देती ! हर मर्द देख दिल पर हाथ रख लेता !

और इस छाती की मलाई सबसे पहले मनोज नाम के लड़के ने उतारी। मेरा पहला बॉय फ्रेंड था वो ! मलाई के साथ साथ उसने मेरी खुमारी भी उतारी, हेकड़ी भी !

उसके बाद तो न जाने कितने लड़कों ने मेरी जवानी लूटी होगी। अपने समय की पहले स्कूल फिर कॉलेज की मानी जानी वाली रांड ही, समझ लो, थी। मेरे बहके कदमों की बात जब घर तक आई और घर वालों ने कुछ हद तक मुझ पर लगाम लगाई।

कहते हैं न कि आग और जवानी जब मचती है तो कोई पाबंदी उसको नहीं रोक पाती, माँ ने जल्दी से लड़के की तलाश शुरू कर दी और जल्दी ही मेरी सगाई मोहन से कर दी। मोहन मुझे अच्छा ही लगा। उसने मुझे सगाई के बाद मिलने को कहा और उसके बाद वो मुझे अकसर मिलने बुलाता।

एक रोज़ उसने मुझे अपनी बाँहों में लेकर आगे कदम उठाया लेकिन मैंने रोक दिया कि यह सब शादी के बाद !

उसने मुझे कहा- ऊपर से तो मजे ले लेने दो !

हर लड़के की तरह उसने भी पहला हाथ मेरी छाती पर डाला, खूब दबाई, चुचूक चूसे, जांघें सहलाई ! मैं नहीं चाहती थी कि इतनी जल्दी उसको कुछ करने दूँ ! वरना वो मुझे ऐसी-वैसी लड़की समझता (वो तो मैं थी ही ! लेकिन !) फिर भी इमेज ख़राब न हो और फिर मेरी शादी की तारीख तय हुई और मैं उसकी दुल्हन बन कर उसके घर चली गई। सगाई के बाद से मुझे बाहर आने-जाने नहीं दिया था, जिससे मेरी फुद्दी में थोड़ा कसाव आ गया था और मेरी एक भाभी ने मुझे एक क्रीम भी दी थी जिसकी मालिश सुबह-शाम को फुद्दी की फांकों में लगा कर मालिश करनी थी।

रात को वो मेरे पास आया उसने काफी पी भी रखी थी जिससे मुझे हौंसला सा हुआ कि मेरी चोरी शायद न पकड़ी जाए। चूमा चाटी में मैंने कभी भी उसके लौड़े को नहीं पकड़ा था। पहली बार उसने मेरा हाथ आगे कर अपने पजामे में घुसा दिया और उसका लौड़ा काफी मोटा-तकड़ा लगा। फिर एक-एक कर उसने मुझे नंगी किया। सिर्फ कच्छी में थी मैं ! मैंने शर्माने की पूरी एक्टिंग की, उसने खुद को भी निर्वस्त्र किया। उसका लौड़ा बहुत बड़ा था मोटा-ताजा निकला। मैं अन्दर से बहुत खुश थी।

वो बोला- जान, आज तो इसको सहलाओ, चूसो ! अब तो शादी हो गई !

मैंने उसका लौड़ा मुँह में लेकर चूसना शुरु किया, वो आहें भर-भर कर मेरे बालों में हाथ फेरता गया। उसका लौड़ा चूसने में मुझे बहुत मजा आ रहा था। उसने खींच कर मेरी कच्छी उतार दी और मेरी फुद्दी में ऊँगली डाली, फुद्दी गीली थी, चिकनी भी ! सुबह ही पार्लर वाली ने बाल साफ़ किये थे। उसने मुझे ऐसी दशा में लिटाया जिससे वो मेरी फुद्दी साथ साथ चूस सके। जुबान से मेरा दाना चाटा, मैं भड़क उठी। उसने मुझे सीधा लिटाया और....












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