बड़ा मंदिर भी था और काफी भीड़ होने की वजह से लम्बी लाइन लगी हुई थी। हम दोनों भी लाइन में खड़े हो गए। गीता ठीक मेरे आगे खड़ी थी।
अचानक उसने मेरा दाहिना हाथ पकड़ा और सीधे अपने पेट पर रख दिया और पीछे को होकर मेरे साथ सट कर खड़ी हो गई। अब मुझे भी कुछ कुछ होने लगा था और मैंने भी हिम्मत करके अपना दाहिना हाथ उसके पेट पर ही फिराना शुरू कर दिया और आगे की ओर गीता से सट कर खड़ा हो गया। लाइन आगे बढ़ती जा रही थी और हम दोनों भी ऐसे ही आगे बढ़ रहे थे। गीता एक भरपूर जवान मदमस्त लड़की थी, लम्बा छरहरा बदन और भरपूर गोलाईयाँ थी। आपस में बदन सटे होने से मैं काफी उत्तेजित हो गया था लेकिन लोगों की वजह से कुछ और कर पाना मुश्किल था। redmore>>
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