lundi 5 septembre 2011

बारिश और दीदी

मेरा नाम राज है। मैं 21 साल का लड़का हूं। कहानी शुरु करने से पहले मैं बता दूं कि यह अन्तर्वासना पर मेरी पहली कहानी है। मैं आप सब लोगों से विनती करूँगा कि मुझे कोई गलत नाम से ईमेल ना करे। इससे पहले मैंने किसी लड़की के साथ सेक्स नहीं किया था। पर मुझे क्या मालूम था कि मुझे पहला प्यार खुद मेरे घर में मिलेगा।

मेरी माँ किसी हूर से कम नहीं ! आज भी किसी मॉडलिंग शो में हिस्सा लें तो वही प्रथम आयेंगी। अब मैं आपको अपनी दीदी के बारे में बताता हूँ। मेरी एक प्यारी सी दीदी है नेहा ! वो मुझसे एक साल बड़ी है। उनकी उम्र 22 साल है। वो भी देखने में किसी मॉडल से कम नहीं लगती। वो मुझे काफी अच्छी लगती है पर उन्हें ऐसे गन्दी नजरों से नहीं देखा था। हम दोनों एक दूसरे से बहुत प्यार करते हैं पर भाई-बहन की तरह।

एक दिन की बात है, मम्मी-पापा को शादी में किसी दूसरे शहर में जाना पड़ा। मैं और मेरी दीदी घर पर अकेले ही रह गए। जाते वक़्त मम्मी ने दीदी से कहा कि मेरा ख्याल रखे। मॉम और डैड के जाने के बाद मुझे तो खुली छूट मिल गई कि जो मन में आयेगा वो करूँगा।

मैं अपने दोस्तों से साथ मिलकर घूमने चला गया और दीदी से कह गया कि मैं रात को देर से आऊंगा।

दीदी ने कहा- जल्दी आ जाना ! मुझे पढ़ने के लिए अपनी सहेली के घर जाना है !

मैं जल्दी की वजह से कह गया- हाँ ! मैं आ जाऊंगा।

मैं घर से निकला ही था कि मौसम ने अपना रंग दिखाना चालू कर दिया। पर इतने दिनों बाद तो मौका मिला था तो मैं उसे बेकार कैसे जाने देता। पर दोस्तों के साथ समय का पता ही नहीं चला और घर आने के लिए मुझे देर हो गई। तभी मुझे दीदी की कही बात याद आई कि उन्हें तो काम की वजह से बाहर जाना था। मैंने तभी दोस्तों को अलविदा कहा और घर के लिए निकल गया। पर मौसम ने अपना तेवर दिखाना शुरू कर दिया, बारिश का आना तो पक्का ही था। और वही हुआ जो मैं सोच रहा था, दीदी जा चुकी थी अपनी सहेली घर ! मैंने जल्दी से घर का दरवाजा खोला डुप्लीकेट चाभी से जो घर के बाहर गमले के नीचे रखी रहती है। जल्दी जल्दी मैं घर में घुसा और मैंने चैन की साँस ली कि शुक्र है घर तो पहुंचा।

फिर मै फ्रेश होने लगा और फ्रेश होकर टीवी देखने के लिए बैठ गया। घर पर तो कोई था ही नहीं तो मैंने सोचा कि क्यों न आज ब्लू फिल्म देखी जाये। और मैं टीवी-डीवीडी चला कर देखने लगा और अपने लिंग को सहलाने लगा। जैसे कि मैंने पहले बताया कि मेरी माँ और मेरी दीदी दोनों ही काफी सेक्सी है तो मुझे ज्यादातर इन्सेस्ट मूवी देखना ज्यादा पसंद है। मै बैठ कर मूवी देख रहा था और धीरे धीरे अपने लिंग को सहला रहा था कि इतने में दरवाजे पर घण्टी बजी। मैं एकदम से हिल गया।

तभी बाहर से आवाज़ आई- राज ! दरवाजा खोल ! मैं भीग रही हूँ !

मैंने जल्दी-जल्दी अपने आप को ठीक किया और डीवीडी बंद करके दरवाजा खोलने के लिए चला गया। पर मैंने जैसे ही दरवाज़ा खोला, मुझे एक जोरदार चांटा लगा। दीदी पूरी तरह भीग चुकी थी और वो कह रही थी कि जल्दी नहीं खोल सकता था?

मैं कुछ नहीं कह सका पर दीदी को जल्दी ही अपनी गलती का एहसास हुआ और उन्होंने कहा- सॉरी यार ! पर तूने भी तो इतनी देर लगा दी थी, मै बाहर खड़ी भीग रही थी, तुझे थोड़ा भी ख्याल नहीं है।

मैंने भी दीदी को सॉरी कहा और उन्होंने मुझे अपने गले से लगा लिया। बारिश की वजह से उनका पूरा बदन भीग चुका था और ऊपर से उन्होंने कसे हुए कपड़े पहने हुए थे। वो देखने में काफी सेक्सी लग रही थी। मैं भी उनसे चिपक गया और और मधुर सपनों में खो गया कि तभी दीदी नहीं कहा- राज बस यार ! अब हट ! मुझे कपड़े बदलने हैं।

मैंने कहा- ओह सॉरी दीदी !

वो जाने लगी, जाते समय वो पीछे से इतनी सेक्सी लग रही थी कि कोई 70 साल का बूढ़ा भी देख ले तो बिना वियाग्रा के ही उसका लंड खड़ा हो जाये। मेरे भी मन में मेरा सोया हुआ शैतान जागने लगा और सोचने लगा- काश मैं उनको चोद सकता !

पर आखिर वो मेरी दीदी थी ना !

मैं यह सोच ही रहा था कि तभी दीदी ने पलट कर मुझसे पूछा- तुझे घर आने में इतनी देर क्यों हो गई?

मैं एकदम से घबरा गया क्योंकि मैं उस समय उनके मोटे मोटे चूतड़ देख रहा था। वो मुझे घूरने लगी और कहने लगी- क्या देख रहे हो राज?

मैंने कहा- कुछ नहीं दीदी…………! मैंने अपने आप को संभाला और कह दिया- दोस्तों के साथ समय का पता नहीं नहीं चला ! दीदी सॉरी …………!!!!!

दीदी ने कहा- कम से कम एक फ़ोन ही कर देता !

मैंने कहा- मैं भूल गया !

तो उन्होंने कहा- चल, कोई नहीं ! मै फ्रेश होने के लिए जा रही हूँ !

और यह कहते हुए वो बाथरूम में घुस गई। मै बैठ कर उनके मोटे मोटे स्तन और गांड के बारे में सोचने लगा कि तभी आवाज़ आई- राज, मेरे कपड़े देना ! मैं लेना भूल गई !

मैंने पूछा- कहाँ हैं?

उन्होंने कहा- मेरे कमरे में देख ! वहीं मिल जायेंगे !

मैंने कपड़े लाकर उन्हें दिए और टीवी देखने लगा। तभी दीदी बोली- राज, मेरी ब्रा तो इसमें नहीं है !

तो मैंने कहा- खुद ही ले लो !

और मैं गुस्से में ब्रा लेने चला गया और देने के लिए जाने लगा। बाथरूम के पास जाकर उन्हें ब्रा देने लगा कि तभी दीदी नै मेरा हाथ पकड़ कर मुझे अन्दर खींच लिया और कहने लगी- बहुत बदमाश हो गया है तू ? क्या देख रहा था तू तब ?

मैंने कहा- कुछ नहीं !

तो दीदी बोली- मै सब जानती हूँ कि तू क्या देख रहा था !

मैंने कहा- क्या !

वो बोली- तू ही बता कि क्या देख रहा था?

मैंने कहा- दीदी वो मैं………वो मै ……. !!

और मैं चुप हो गया!

तो दीदी बोली- तू मेरी गांड देख रहा था ना?

मैंने कहा- ना…..न ……..ना …नहीं दीदी

और एकदम से मैं उनसे चिपक गया और कहा- सॉरी दीदी, आज के बाद कभी ऐसे नहीं देखूंगा !

वो बोली- चल पगले, मै सब समझती हूँ ! चल अच्छा एक बात बता कि मैं तुझे कैसे लगती हूँ !

मैं हैरान रह गया कि दीदी आज कैसे बात कर रही है …………

मैंने कहा- अच्छी लगती हो !

दीदी बोली- अच्छी या बहुत अच्छी?

मैंने कहा- बहुत अच्छी !

तो वो बोली- तू अपनी दीदी को …












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